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अस्खलित
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अस्खलित भाषण
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steady
Meanings: 25; in Dictionaries: 9
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firm
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steadfast
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permanent
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unshakable
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unbendable
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unfaltering
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lasting
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stiff
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unwavering
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बल्हो
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fluent
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घडघडां
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घडघड
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घडाघडां
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चबरचबर
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घडघडाट
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इंद्र कुमार गुजराल
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पर्यायोक्त अलंकार - लक्षण १
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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घडाघड
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लढा
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flow
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अध्याय तेरावा
श्रीनित्यानंदतीर्थविरचित श्रीमार्कण्डेयपुराणांतर्गत श्रीदेवीविजय.
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अभंग - १ ते १०
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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अभंग १ ते १०
श्रीकृष्ण बांदकर महाराजांचा जन्म शके १७६६ क्रोधीनाम संवत्सरात आषाढ शुद्ध ११ एकादशीच्या महापर्वणीस झाला.
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स्कंध १ ला - अध्याय ६ वा
सर्वमतखंडन आणि ब्रह्मविद्यारहस्य
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शेतकर्याचा असूड - पान ६
शूद्र शेतकरी त्या काळी इतक्या दैन्यवाण्या स्थितीस येऊन पोहोचण्याची धर्म व राज्यसंबंधी अनेक कारणे आहेत, त्यांपैकी थोड्या बहुतांचे मार्मिक विवेचन या ग्रंथात केले आहे.
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श्रीरोहिदास चरित्र २
श्रीसद्गुरू दासगणु महाराजांची कीर्तनाख्यानें हीं अत्यंत वैशिष्ट्यपूर्ण, रसाळ आणि विविध काव्यगुणांनी संपन्न असून श्राव्य काव्याचा तो एक उत्कृष्ट नमुना आहे.
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अध्याय ३३ वा - श्लोक २६
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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अध्याय २९ वा - श्लोक ४१ ते ४५
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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अध्याय १३ वा - श्लोक १६ ते १९
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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विराटपर्व - अध्याय दुसरा
मोरेश्वर रामजी पराडकर (१७२९–१७९४), हे महाराष्ट्रात मोरोपंत अथवा मयूर पंडित नावाने ओळखले जातात.
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श्रीमदाद्यशंकराचार्य - चरित्र २
श्रीसद्गुरू दासगणु महाराजांची कीर्तनाख्यानें हीं अत्यंत वैशिष्ट्यपूर्ण, रसाळ आणि विविध काव्यगुणांनी संपन्न असून श्राव्य काव्याचा तो एक उत्कृष्ट नमुना आहे.
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हे कोण दोघे ?
नाट्यछटा हा साहित्यप्रकार मराठीत प्रथम ‘ दिवाकर ‘ यांनीच आणला. त्यांचे संपूर्ण नांव - शंकर काशीनाथ गर्गे
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तोंड
Meanings: 227; in Dictionaries: 6
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विवाहसंस्कार निर्णय
‘ संस्कार ’ हे केवळ रूढी म्हणून करण्यापेक्षां त्यांचे हेतू जाणून ते व्हावेत अशी अनेकांची इच्छा असते. ज्यावेळीं एखाद्या घरांमध्यें शुभकार्य असते त्यावेळीं या गोष्टी सविस्तर माहीत असल्यास कार्य सुव्यवस्थित पार पडते असा अनुभव आहे.
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सभापर्व - अध्याय चवथा
मोरेश्वर रामजी पराडकर (१७२९–१७९४), हे महाराष्ट्रात मोरोपंत अथवा मयूर पंडित नावाने ओळखले जातात.
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खंड ६ - अध्याय २५
मुद्गल पुराणात श्री गणेशाच्या आठ अवतारांचे वर्णन आहे.
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द्वितीय परिच्छेद - चातुर्मास्यव्रत
निर्णयसिंधु ग्रंथामध्ये कोणत्या कर्माचा कोणता काल, याचा मुख्यत्वेकरून निर्णय केलेला आहे.
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श्री गजानन विजय - अध्याय १
भक्तांना व जनतेस श्री गजानन महाराजांच्या सहवासानें, मनःशांति मिळे व ईश्वरी लीला कळून येऊन उत्तम सदुपदेशाचा लाभ होई.
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संधिः - कथा ११
हितोपदेश भारतीय जन- मानस तथा परिवेश से प्रभावित उपदेशात्मक कथाएँ हैं। हितोपदेश की कथाएँ अत्यंत सरल व सुग्राह्य हैं।
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श्री गजानन विजय - अध्याय ३
भक्तांना व जनतेस श्री गजानन महाराजांच्या सहवासानें, मनःशांति मिळे व ईश्वरी लीला कळून येऊन उत्तम सदुपदेशाचा लाभ होई.
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चित्रापुरगुरुपरंपरा - अध्याय ॥५०॥
सुबोधाचा भाग तर अमोल आहे. तशीच प्रश्नोत्तरी ही ह्या गुरुचरित्राचें अपूर्व वैशिष्ट्य होय.
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सरस्वती
Meanings: 63; in Dictionaries: 12
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साईसच्चरित - अध्याय ४३ वा
श्रीसाईसच्चरित या ग्रंथांत श्रीसाईबाबांच्या अद्भुत लीलांचा व उपदेशांचा संग्रह आहे.
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साईसच्चरित - अध्याय १९ वा
श्रीसाईसच्चरित या ग्रंथांत श्रीसाईबाबांच्या अद्भुत लीलांचा व उपदेशांचा संग्रह आहे.
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श्रीशिवलीलामृत - अध्याय पंधरावा
भगवान शंकराची कृपा प्राप्त करून घेण्यासाठी शिवलीलामृत पोथीचे पारायण करावे.
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तृतीयपरिच्छेद - विवाह
निर्णयसिंधु ग्रंथामध्ये कोणत्या कर्माचा कोणता काल , याचा मुख्यत्वेकरून निर्णय केलेला आहे .
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